शायरी


इस दर्दे दिल की दवा कहाँ

दिले नादां को सुकून कहाँ,
इस दर्दे दिल की दवा कहाँ,
जो कर दे रूह को मुकम्मल,
उस आश का निशान कहाँ!

ना तू है ना तेरा साया,
ना तेरे आने की कोई आश,
जो कर दे साँसों को जिंदा,
वो प्यारी आवाज़ कहाँ!


आएगी एक दिन फिर से  बहार,
छाएगा फिर से दिल पे खुमार,
होगा तेरा हर पल साथ,
डोलेंगे लेके हाथों मे हाथ!

इस आश का निशान कहाँ,
इस दर्दे दिल की दवा कहाँ