Sunday, January 9, 2011

मुन्ना भाई बिग बॉस पर

सर्किट एक दिन भागता भागता मुन्ना भाई के पास आया और हाफते हुए बोला..भाई अपुन ने ना आज छोटू से सुना की बिग बॉस टीवी पे आ रहे हैं..भाई मुझे बहुत डर लगने लगा..क्या हुआ भाई?..कोई लोचा हुआ क्या?..क्या भीर से?..मुन्ना भाई बोले..हां रे सर्किट फिर से..इस बार चौथी बार..बोले तो बिग बॉस 4 ..हाए राम ..अब क्या ..हमारा क्या होगा..अरे होना क्या है..हम एंजॉय करेंगे..खूब मज़ा आयेग...भाई ये अच्छा नहीं है..अपुन ऐसा नही होने देगऽपुन सबको फोड़ डालेगा..अरे क्या अच्छा नही है..और क्या हमेशा तोड़ने फोड़ने की बात करता है..भाई यही की बिग बॉस टीवी पे आएला है..अरेस्ट हो गेयेला है..रुक रुक तो किस बिग बॉस की बात कर रहा है..अपने बॉस की और क्या...अबे एडे बिग बॉस एक रेआलिटी शो है..हां भाई तो मई कौन से नकली शो की बात कर रहा है..मई भी तो रियल शो की बात कर रहा है..जो टीवी वाले मामू लोग दिखा रहे हैं..अरे तू भी ना सर्किट..बिग बॉस एक रेआलिटी शो है..बोले तो उसमे बहुत से लोग बिग बॉस के घर मे रहते हैं और दुनिया से उनका  ख़तम हो जाता है..और जो सभी नियमों को मानते हुए अंत में पब्लिक द्वारा चुना जाता है वही जीतता है...ऐसा भाई...इसमे कैसे जाते हैं..हमे भी इसमे जाना चाहिए..हमसे अच्छा  इस गेम को कौन खेल सकता है..अरे नही रे..हम वहाँ क्या करेंगे?..हम इस ग़मे को भाई आराम से जीतेंगे..सब नियम को मानते हुए गेम बजाने मे हम तो माहिर हैं..और आपके पर्फेक्ट शॉट से एक बार मे आदमी खल्लास..अबे एडे..इसमें गोली बंदूक नही बल्कि 'शब्दों की गोली' चलाते हैं..बिग बॉस के घर का काम करना पड़ता है और पीछे में एक दूसरे के अगेन्स्ट गेम प्लॉट करना पड़ता है...इसमे हर दिन दोस्त बदलते हैं..इसमें कोई किसी का नही होता...और सभी सब के होते हैं..घर मे लड़ना झगड़ना भी होता है और दोस्ती भी होती है..फुल्तु मस्ती होती है..लोग खूब एंजाय करते हैं..अंत मे एक विनर बचता है और वो तुरंत दुनिया मे हीरो या हेरोयिन बन जाते हैं..ये गेम तो फ्लॉप है भाई..इसे कोई भी नही देखता होगा...नही सर्किट..अक्खी दुनिया में ये शो बहुत फेमस है..लोग बहुत पसंद करते हैं..इंडिया मे भी ये शो हिट है..भाई पब्लिक भी ना अनरियल को रियल..और रियल को अनरियल  समझती है..एक दूसरे की टाँग खीच कर..कानाफूसी कर कर..गाली दे कर गेम जीतने में क्या हीरो या हेरोयिन बनना..दुनिया के लिए कुछ करने मे..उल्टे सिर वाले मामूओन को फोड़ने मे हेरोयिज़म है..पब्लिक बस भागती रहती है..सच्चाई को कब समझेगी...जिसे सोसाइटी से उखाड़ फेकना चाहिए था उसमे मस्ती लेती है..अरे सर्किट..आज तूने बड़ी सनझदारी की बात कर दी..आज अगर बापू होते तो सोसाइटी मे आई गिरावट से बहुत दुखी होते..अरे भाई बापू से याद आया..आजकल दुनिया मे बापू की बहुत स्टॅच्यू लग रही है..हां रे पर स्टॅच्यू लगाने से नहीं पर बापू की बातों पर चलने से दुनिया बदलेगी..अरे दुनिया तेल लेने गयी भाई..दुनिया से हुमको क्या..अक्खी दुनिया ऐसी ही है और ऐसी ही रहेगी..नही सर्किट..अपुन को लगता है की आजकल के छोकड़े छोकड़ियों को अगर सही रास्ता दिखाया जाए तो दुनिया ज़रूर बदलेगी..मामू लोग खुद ग़लत एग्ज़ॅंपल पेश करते हैं..उनकी क्वेस्चन और डाउट का सही आनसर नही देते..इसलिए वो रेबेलियस हो जाते हैं ..सही है भाई.

नोट: मुन्ना भाई और सर्किट कॅरक्टर "मुन्ना भाई" सिरीज़ फिल्म से प्रेरित है! 

2 comments:

  1. good job

    is baar aapne post dalne me kuchh vilamb kar diya..

    ham aapke agle naye post ki besabri se pratiksha kar rahe hain

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  2. Thanks for your valuable comment..is baar der nahi hogi..actually was pre-occupied with some urgent work.

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